बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास
अध्याय - 4
आर्यों का सामाजिक संगठन, धार्मिक एवं आर्थिक जीवन
(Social Organization of Aryans, Religious and Economic Life)
प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
अथवा
आर्यों के आदिस्थान की समस्या की विवेचना कीजिए।
उत्तर -
आर्यों का मूल निवास स्थान
आर्यों के मूल निवास स्थान के सन्दर्भ में विद्वानों में मतभेद है। पौराणिक प्रमाणों के आधार पर कुछ विद्वान इन्हें भारत का मूल निवासी मानते हैं, तो कुछ विद्वानों का मानना है कि आर्य भारत के मूल निवासी नहीं थे बल्कि बाहर से आये थे अर्थात् आर्य विदेशी थे। बाल गंगाधर तिलक के अनुसार आर्यों का मूल स्थान आर्कटिक वृत्त में था। कुछ लोग आर्यों को बाह्लीक से आया बताते हैं और कुछ लोग उन्हें, 'इण्डो-जर्मन' या 'इण्डो-यूरोपियन' 1 अथवा 'वीरोज' की शाखा मानते हैं। मैक्समूलर के अनुसार मध्य एशिया, काला- सागर के उत्तर का मैदान, मध्य एवं पश्चिमी जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, बोहोमेया इत्यादि आर्यों के आदिस्थान थे। इन्हीं स्थानों में से कहीं आर्यों का विभाजन हुआ।
इतना तो सर्वमान्य है कि आर्यों की अपनी एक स्वतन्त्र उपजाति थी, जो सेमेटिक, निग्रोआइट और मंगोलियन से भिन्न थी। ये लोग सर्वप्रथम मध्य-यूरोप में यूराल पहाड़ से लेकर पश्चिमी अटलाण्टिक महासागर तक जो लम्बा मैदान है, उसी में रहते थे और वही भाषा बोलते थे जिसे आजकल लोग 'इण्डो- यूरोपियन' भाषा कहते हैं। यहाँ से कुछ लोग दक्षिण-पश्चिम और फिर पूरब की ओर फैले हुए ईरान में जा बसे। वहाँ से कुछ लोग दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़े और ई.पू. 2000 के लगभग भारत में आकर बसे। मध्य- एशिया के बैक्ट्रिया नामक स्थान को भी आर्यों का आदिस्थान माना जाता है। ईसा के कई हजार वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में गोरे और लम्बे लोग रहते थे और इण्डो-आर्यन भाषा बोलते थे। वहीं से ये लोग पश्चिम की ओर यूरोप में गए और इनकी एक शाखा दक्षिण की ओर से भारत में आई। मैक्समूलर का कथन है "एक समय था जबकि भारतीय, ईरानी, यूनानी, रोमन, रूसी, केल्ट और जर्मनों के पूर्वज एक ही छत के नीचे रहते थे।" आर्यों के आदिदेश के सम्बन्ध में विद्वानों के मत इस प्रकार हैं-
(1) महामहोपाध्याय डॉ गंगनाथ झा भारत के ब्रह्मर्षि प्रदेश को ही आर्यों का आदिदेश मानते हैं।
(2) डॉ. सम्पूर्णानन्द ने सप्तसैंधव को ही आर्यों का आदिदेश माना है।
(3) डॉ. अविनाशचन्द्र दास भी सप्तसैन्धव को ही आर्यों का आदिदेश मानते हैं।
(4) डॉ. राजबली पाण्डेय भारतवर्ष के मध्यदेश को आर्यों का आदिदेश मानते हैं।
(5) कुछ विद्वान कश्मीर अथवा हिमालय प्रदेश को आर्यों का आदिदेश मानते हैं।
भारत में आर्यों का फैलाव एक महत्त्वपूर्ण घटना है। पुराणों में आर्यों के फैलने की चर्चा है। पुराणों के अनुसार भारत में दो प्रसिद्ध वंशों के राज्य थे मानववंश और ऐलवंश। मानवों के कई राज्य युगों तक चलते रहे। ऐलों का पहला राज्य 'प्रतिष्ठान' में था। पुराणों के अनुसार इसी राजवंश की शाखा प्रशाखाओं से सारे भारत में आर्यों का विस्तार हुआ। कुछ लोग इस आधार पर यह भी मानते हैं कि आर्यों की उत्पत्ति भारत में ही हुई थी परन्तु यह भी स्मरण रखना चाहिए कि हमें कोई भी ऐसा पर्याप्त साधन नहीं मिला है, जिसके आधार पर हम इस सम्बन्ध में कुछ निष्कर्ष निकाल सकें। बलूचिस्तान में द्रविड़ भाषा के प्रचलन से भी यह स्पष्ट हो जाता है कि अधिकांश भारत में आर्य भाषा का प्रचलन नहीं था यदि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की सभ्यता आर्यों की सभ्यता से प्राचीन थी जो अनार्य सभ्यता मानी जाती है तो किस प्रकार यह स्वीकार किया जा सकता है कि आर्यों का आदिदेश भारत था?
भाषाविज्ञान के आधार पर यह प्रमाणित करने का प्रयास किया गया है कि इण्डो-यूरोपियन आर्यों का मूल निवास स्थान एक था और उन्होंने बाद में पश्चिम और पूरब की ओर प्रस्थान किया। मैक्समूलर के अनुसार वैज्ञानिक भाषा में 'आर्य' शब्द का जाति या वंश - विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है। इसका अर्थ केवल भाषा के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। इस आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि आर्य लोग यूरोप के मैदानों में रहते थे और कुछ विशेष परिस्थितियों के उत्पन्न होने पर उन्होंने अपने मूलस्थान का परित्याग कर अन्य देशों की ओर प्रस्थान किया और जहाँ उपयुक्त वातावरण मिला, वहीं वे लोग बस गए। निष्क्रमण के समय वे लोग पशुपालन के काल में थे। कुछ लोग दक्षिणी रूस को ही आर्यों का आदिदेश मानते हैं। डा. गाइल्स का कथन है कि इण्डो-यूरोपियन परिवार की प्राचीनतम भाषाओं के तुलनात्मक अध्ययन से हमें जिन वनस्पतियों और पशुओं का ज्ञान प्राप्त होता है, वे सब भारतवर्ष में नहीं पाए जाते हैं।
कोई भी सिद्धान्त अभी तक पूर्णरूपेण, मान्य नहीं हो सका है, फिर भी यह कहा जा सकता है कि- मध्य एशिया के किसी क्षेत्र में आर्यों का आदिदेश रहा होगा। आर्यों के दो प्राचीनतम ग्रन्थ जेन्द अवेस्ता और ऋग्वेद ईरान और भारत में मिलते हैं। इनकी भाषागत एकता सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। एशिया माइनर में बोगजकोई नामक एक स्थान है, जहाँ से प्राप्त एक लेख में मित्र, वरुण, इन्द्र और नासात्य नामक वैदिक देवताओं के नाम हैं। इस लेख के आधार पर विद्वानों ने बहुत कुछ अन्दाज लगाया है। बोगजकोई में किक्कुली नामक एक मितानी लेखक का एक ग्रन्थ है, जिसमें बहुत कुछ वैदिक संख्याओं के रूप मिलते हैं। मिस्र में भी एल अमर्ना नामक स्थान में कुछ मिट्टी के खण्ड मिले हैं, जिनमें बेबिलोनियन लिपि में कुछ ऐसे नाम लिखे हैं, जो वैदिक नामों से मिलते-जुलते हैं, जैसे- अर्तमन्य, अर्जविय, यशदत्त, शुन्तर्न। सम्भवतः ये लोग बेबिलोन के नरेश थे। कुछ विद्वानों ने अवेस्ता और ऋग्वेद के अध्ययन से यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि आर्य ऐसे प्रदेश के रहने वाले थे, जहाँ शीत की अधिकता थी, नाव चलाने के लिए जलराशि थी और पीपल भी था। कुछ लोग इस कैस्पियन सागर का प्रदेश मानते हैं।
बोगजकोई और एल अमन नामक स्थानों से प्राप्त अवशेषों के आधार पर यह कहा जा सकता कि इन क्षेत्रों में आर्य बस चुके थे। इस आधार पर मेयेर महोदय ने इस मत का प्रतिपादन किया है कि आर्य पामीर पठार के मूल निवासी थे और ई.पू. 2000 के लगभग ये लोग वहाँ से विभिन्न दिशाओं में चले। इस मत का समर्थन कीथ तथा ओल्डेनबर्ग द्वारा भी किया गया लेकिन भारत में आर्यों के आगमन का कालं ऋग्वेद की रचना से प्राचीनतर है। आर्यों को बहुत दिनों तक यहाँ के मूल निवासियों से संघर्ष करना पड़ा। फिर ऋग्वेद में इनके आदि देश का उल्लेख नहीं है। इस प्रकार आर्यों के आदि देश का निर्धारण आज भी विवाद का विषय है।
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- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
- प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
- प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
- प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
- प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
- प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
- प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
- प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
- प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
- प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
- प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
- प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
- प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
- प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
- प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।